शहर में ही एपिलेप्सी का उच्च स्तरीय इलाज भी प्राप्त होगा
ग्वालियर। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के न्यूरोलॉजी विभाग में शनिवार को एपिलेप्सी (मिर्गी) क्लीनिक का शुभारंभ अधिष्ठाता गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. आरकेएस धाकड़ द्वारा किया गया। इस अवसर पर संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक डॉ. सुधीर सक्सेना, विभागाध्यक्ष न्यूरोलॉजी डॉ. दिनेश उदैनिया, विभागाध्यक्ष रेडियोथेरेपी डॉ. अक्षय कुमार निगम, विभागाध्यक्ष न्यूरोसर्जरी डॉ. अविनाश शर्मा, विभागाध्यक्ष चर्मरोग डॉ. अनुभव गर्ग, विभागाध्यक्ष बाल्य एवं शिशु रोग डॉ. अजय गौड़, डॉ. अनुराग चौहान एवं अन्य विभागाध्यक्ष, विभागीय चिकित्सक एवं स्टॉफ उपस्थित रहा। अधिष्ठाता डॉ. धाकड़ ने कहा कि यह महाविद्यालय के लिए गर्व का विषय है कि मेट्रो शहरों के अस्पतालों की तरह अब ग्वालियर में भी मिर्गी के इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में ही एक डेडिकेटिड क्लीनिक रहेगी। इससे मिर्गी के मरीजों को मेट्रो शहरों में जाने से स्वतंत्रता मिलेगी बल्कि शहर में ही एपिलेप्सी का उच्च स्तरीय इलाज भी प्राप्त होगा। जीआरएमसी के प्रोफेसर डॉ. दिनेश उदैनिया ने बताया की मिर्गी की बीमारी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम का आयोजन किया जाना बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि कई भ्रांतियां अंधविश्वास जो समाज में फैला हुआ है, उस कारण से कई बार मरीज ठीक से अपना उपचार करने के लिए अस्पताल नहीं पहुंच पाता है।
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एपिलेप्सी है क्या
यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं की गतिविधि में गड़बड़ी हो जाती है। इसकी वजह से मिर्गी के दौरे पड़ते हैं।
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प्रदेश का प्रथम क्लीनिक
न्यूरोलॉजी विभाग की एपिलेप्सी क्लिनिक संपूर्ण मध्यप्रदेश में इस तरह की प्रथम क्लिनिक है। एपिलेप्सी क्लिनिक ओपीडी समय में प्रत्येक शनिवार को प्रारंभ रहेगी। साथ ही एपिलेप्सी से संबंधित भ्रांतियों को दूर करने के लिए जन-जागरूकता अभियान भी विभाग के द्वारा समय-समय पर चलाया जाएगा।