अगर सरकार मांगों को अनसुना करती है तो आंदोलन करने को मजबूर होना होगा

ग्वालियर।

स्वास्थ्य पेशेवरों पर हो रहे हमलों और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था में हो रही लापरवाही के खिलाफ जूडा ने जीआरएमसी के डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ को ज्ञापन सौंपकर व्यवस्थाओं मे सुधार करवाने की मांग की। जूडा अध्यक्ष डॉ. संदीप सिंह जादौन ने बताया कि जूडा प्राथमिकता से सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करना और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की मांग करता है। यह प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि हमारी मांग है कि कैंपस में डिजिटल और फिजिकल माध्यमों हिंसा रोकने हेतु स्लोगन, पोस्टर लगाए जाएं। स्थानीय प्रशासन, राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ सुरक्षा और जवाबदेही पर वार्ता की जाएगी। मांगों को स्पष्ट और समयबद्ध तरीके से अधिकारियों के सामने रखा जाएगा। सुरक्षा और आपातकालीन प्रोटोकॉल पर स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करना। जिसमें सीसीटीवी पर्याप्त सुरक्षा गार्ड और आपातकालीन सुरक्षा प्रणाली शामिल है।

सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा उपकरणों और अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की नियमित ऑडिट सुनिश्चित की जाए। आम जनता को डॉक्टरों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के महत्व को समझाने के लिए जागरूकता अभियान हेल्थकेयर सेफ्टी पेटिशन अभियान शुरू करना। स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए नीति-स्तर पर सुधार, जिसमें अधिक वित्तीय आवंटन, चिकित्सा कर्मियों की भर्ती और आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था शामिल है।

जूडा ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन और सरकार मांगों को अनसुना करते हैं, तो चरणबद्ध तरीके से विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान सचिव डॉ. प्रशांत अग्रवाल, उपाध्यक्ष डॉ. शत्रुघ्न तोमर एवं डॉ. रश्मि दीक्षित सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।