मानव को अपने धर्म का कभी भी त्याग नहीं करना चाहिए:घनश्याम शास्त्री 

ग्वालियर। बहोड़ापुर स्थित 24 बीघा गालव नगर में आयोजित संगीतमय भागवत कथा में  सातवें दिन की कथा के दौरान पूज्य सुप्रसिद्ध भागवताचार्य पंडित घनश्याम शास्त्री महाराज महाराज ने भक्तों को भगवान श्री कृष्ण के विवाह के बारें मे बताते हुए कहा कि श्री कृष्ण का जीवन धर्म, प्रेम और कर्तव्य का प्रतीक है । उनके विवाह की कथा हमें यह सिखाती है कि हर इंसान को अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना चाहिए और जीवन में प्रेम और दया का भाव रखना चाहिए।

किसी भी स्थिति में मानव को अपना धर्म नहीं त्यागना चाहिए। धर्म, व्यक्ति की आत्मा का सार होता है । धर्म से जुड़े रहकर भगवान की भक्ति और पूजा करना ही मनुष्य को शांति और मोक्ष की ओर ले जाता है।महाराज श्री ने भक्तों से कहा कि भगवान की भक्ति में सच्चे मन से लीन रहना चाहिए, क्योंकि भगवान की पूजा से ही जीवन में समृद्धि, सुख और शांति की प्राप्ति होती है।कथा के अंत मे महाराज जी ने सभी भक्तों को आशीर्वाद देकर उनकी श्रद्धा एवं समर्पण भाव की सराहना की।