प्रभात फेरी हमारी सांस्कृतिक परंपरा है:स्वामी ऋषभदेवानंद
ग्वालियर।
माधव नगर तिगरा रोड गोल पहाड़िया लश्कर में श्री राम नाम का स्मरण वह भी संगीत के साथ प्रभात फेरी के रूप में प्रतिदिन लिया जाता है। इस प्रभात फेरी में 50 से 60 राम भक्त शामिल रहते हैं जहां शनिवार को आदर्श गौशाला लाल टिपारा के महंत स्वामी ऋषभ देवानंद जी महाराज सभी भक्तों को आशीर्वचन देने हेतु पधारे प्रभात फेरी समापन के बाद स्वामी जी के अमृत वचन हुए उससे पहले सभी भक्तों ने पूज्य स्वामी जी का पुष्प हार से स्वागत किया और उनसे आशीष लिया वहीं स्वामी जी को भगवा अंग वस्त्र पहनाकर उनका स्वागत किया गया।
प्रभात फेरी में भगवान श्री राम के भक्त नारी शक्तियों की संख्या 60 से ज्यादा थी और श्री राम भक्त पुरुषों की संख्या लगभग 40 रही सभी भक्तों को प्रवचन देते हुए स्वामी जी ने कहा कि आप सब उन लोगों से ज्यादा अलग भी हो और अच्छे हो भी जो प्रातः 5:30 बजे से 6:30 के समय सोते रहते हैं परंतु वही आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ईश्वर का स्मरण करते हैं तो सच में आप धन्यवाद और बधाई के पात्र हैं क्योंकि प्रभात फेरी हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है।
जैसे आप जैसे धर्म भक्ति जीवित रखे हुए हैं जिससे हम सबके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होता है और हमारा आत्मविश्वास मजबूत होता है साथ में धर्म कार्य में सहभागी बनकर हम सोए हुए सनातनियों को जगाने का महान कार्य करते हैं स्वामी जी ने सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया प्रभात फेरी में ढोलक बजाने वाले उदयभान रजक, झीका की झंकार देने वाले हरनाम सिंह राणा, मजीरे बजाने वाले कल्लू रजक, खुमान सिंह रावत एवं परशुराम राठौर, देवी सिंह राजपूत और बंटी राजपूत मुख्य हैं,प्रभात फेरी में नारी शक्ति का नेतृत्व माता सरजू राठौर करती हैं प्रभात फेरी के छह पड़ाव हैं वहां-वहां रुक कर जय घोष लगाकर लगाए जाते हैं आखिर में माधव नगर के राठौर मंदिर पर समापन होता है सभी भक्तों को 5 मिनट देश भर में होते घटनाक्रम पर बताया जाता है एवं नारी शक्तियों द्वारा संगीतमय भजन सुनाए जाते हैं और फिर प्रसाद वितरण होता है।
