एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर भाजपा की ग्वालियर विधानसभा एवं ग्वालियर पूर्व विधानसभा में संगोष्ठी आयोजित
ग्वालियर। एक राष्ट्र एक चुनाव कोई रानीतिक व प्रशासनिक अवधारणा नहीं है यह एक दृष्टिकोण है जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम सबको चर्चा के लिए इकट्ठा किया है। ये सोच प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी लाभ या चुनावी नुकसान से उपर उठकर है, राष्ट्रहित में है। एक राष्ट्र एक चुनाव हमारे राष्ट्रवाद को और अधिक मजबूत करेगा। इसी विश्वास के साथ ये बहुयामी परिणामों को ध्यान में रखते हुए आज पूरे देश में एक राष्ट्र एक चुनाव चर्चा का विषय बना हुआ है। उक्त बात मुख्य वक्ता एक राष्ट्र एक चुनाव के प्रदेश संयोजक श्री रोहित आर्य ने सोमवार को होटल प्रहलाद इन में आयोजित एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर ग्वालियर विधानसभा की संगोष्ठी तथा गैलेक्स गार्डन में आयोजित ग्वालियर पूर्व विधनसभा की संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कही। ग्वालियर विधानसभा की संगोष्ठी को प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, जिलाध्यक्ष जयप्रकाश राजौरिया तथा ग्वालियर पूर्व विधनसभा की संगोष्ठी को सांसद भारत सिंह कुशवाह ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर एक राष्ट्र, एक चुनाव के प्रदेश संयोजक एवं मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रोहित आर्य ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव का मतलब है लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराना। इससे मतदाता एक ही दिन दोनों स्तरों के लिए मतदान कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि देश भर में मतदान कई चरणों में हो सकता है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव भारत की नई सोच है, नई नीतियों का निवारण है, सशक्त लोकतंत्र के निर्माण में एक कारगार कदम है। एक राष्ट्र एक चुनाव से ह
मारा राष्ट्र सशक्त होगा। उन्होंने कहा, यह केवल एक सरकारी पहल नहीं है, बल्कि ऐसा निर्णय है जिसे पूरे देश को मिलकर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कोई नई अवधारणा नहीं है, क्योंकि भारत ने 1952, 1957, 1962 और 1967 में इस प्रणाली का पालन किया था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक राष्ट्र, एक चुनाव के लिए किए जा रहे प्रयासों का उद्देश्य चुनाव खर्च को कम करना और शासन में व्यवधान को कम करना है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव से देश का सर्वांगीण विकास होगा। देश में आर्थिक सुधार होगा। देश और लोकतंत्र की नींव मजबूत होगी। 2024 के चुनाव में एक लाख करोड़ रुपए खर्च हुए। इसके साथ ही काम के घंटों का भी काफी नुकसान हुआ। देश में हर पांच साल में 1012 दिन कोड अॉफ कंडक्ट लगा रहता है, जिससे काम का नुकसान होता है।

इस अवसर पर ग्वालियर विधानसभा की संगोष्ठी में प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि जब कोई विचार हो, कोई चिंतन हो, या कोई संवाद हो तो उसमें से अमृत निकलता है और ये अमृत, ये विचारधारा, ये सोच और ये चिंतन जो निकलकर आएगा वह राष्ट्रहित में, भारत के हित में, मप्र के हित में हम सबके हित में होगा। और ये विधानसभा व लोकसभा का चुनाव एक साथ हो वह एक राष्ट्र एक चुनाव का पूर्णभाव है। जब ये सारे चुनाव एक साथ होंगे तो सारी गतिविधियां अपने आप समाप्त हो जाएंगी।
