ग्वालियर।
जीआर मेडीकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग में वर्ष 2024-25 में ब्रेन ट्यूमर के 634 सफल ऑपरेशन हुए | जो एक महत्वपूर्ण चिकित्सा उपलब्धि है। यह जानकारी जीआर मेडीकल कॉलेज में न्यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अविनाश शर्मा ने दी। वे 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में बोल रहे थे।इस अवसर पर विभाग में ही प्रो. डॉ. एस. एन. अयंगार सेमिनार हॉल का विधिवत लोकार्पण किया गया। इसका उद्घाटन न्यूरोसर्जरी विभाग के पूर्व वरिष्ठ प्रो. डॉ. आरएलएस सेंगर, जयारोग्य अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुधीर सक्सेना, न्यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अविनाश शर्मा ने किया।
यह सेमिनार हॉल न्यूरोसर्जरी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. एस. एन. अयंगार को उनकी चिकित्सा शिक्षा और न्यूरोसर्जरी क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के सम्मानस्वरूप समर्पित किया गया।ब्रेन ट्यूमर दिवस के अवसर पर मरीजों को इस बीमारी पर जीत के लिए उन्हें सम्मानित किया गया । वहीं मरीज परिजन व मरीजों ने भी डॉक्टर्स का सम्मान किया।
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ये हैं ब्रेन ट्यूमर के प्रारंभिक लक्षण
न्यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अविनाश शर्मा ने लोगों को जागरूक करते हुए ब्रेन ट्यूमर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान, समय पर उपचार, और इससे जुड़ी समझ की जानकारी दी । इसमें उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत कई बार सामान्य सिरदर्द जैसे लक्षणों से होती है। इसके अन्य प्रमुख लक्षणों में —
>> सुनने की क्षमता में कमी
>> चक्कर आना
>> उल्टी आना
>> शरीर के एक हिस्से में कमजोरी (हेमिप्लेजिया)
>> दौरे
>> सूंघने की क्षमता में कमी (एनोस्मिया)
>> दृष्टि दोष आदि शामिल हैं।
>> इन लक्षणों को नजरअंदाज करना घातक हो सकता है।
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डॉक्टर्स और मरीज के संबंधों की नई इबारत लिखी डॉ अविनाश शर्मा ने
न्यूरोसर्जरी विभाग में विभाग के अध्यक्ष डॉ अविनाश शर्मा द्वारा प्रायोजित ये कार्यक्रम कई मायनों में खास रहा।इसमें आज जहां गुरू-शिष्य परंपरा के उच्च स्तर के मापदंड स्थापित किए गए। वहीं डॉक्टर्स और मरीज के संबंधों की नई इबारत भी लिखी गई। जिसमें जहां मरीज और डॉक्टर्स दोनों ने ही एक दूसरे को सम्मानित किया। विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस का केक एक मरीज बच्चे ने काटा। तो मरीज परिजनों ने डॉक्टर्स को सम्मान की शॉल ओढ़ाई,विश्वाश की माला पहनाई और खुशी और बड़ी आशा से मिठाई भेंट की। डॉक्टर्स ने भी स्वयं पर विश्वाश करने के लिए और बीमारी के दौरान साहस और सब्र रखने के लिए स्वस्थ्य हुए पूर्व मरीजों को माला पहनाई उनका सम्मान किया।l